"अमिताभ बच्चन: संघर्ष से शिखर तक"

 😊..अमिताभ बच्चन: संघर्ष, असफलता और 'सदी के महानायक' बनने की प्रेरणादायक कहानी..👸..

"हर बड़े इंसान की कहानी संघर्ष से भरी होती है, और आज हम ऐसी ही एक कहानी जानने वाले हैं!"

बॉलीवुड के सबसे चमकते सितारे अमिताभ बच्चन आज सिर्फ एक अभिनेता नहीं, बल्कि संघर्ष, धैर्य और सफलता का जीता-जागता उदाहरण हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस इंसान को आज पूरी दुनिया "सदी का महानायक" कहती है, उसे एक समय लगातार 12 बार फ्लॉप फिल्मों का सामना करना पड़ा था?

यह कहानी सिर्फ एक सुपरस्टार की नहीं, बल्कि एक साधारण इंसान के असाधारण बनने की कहानी है। यह उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं लेकिन रुकावटों से घबरा जाते हैं।


1. संघर्ष की शुरुआत (1942-1968) – जब सपने देखना आसान था, लेकिन उन्हें पाना मुश्किल


अमिताभ बच्चन का जन्म 11 अक्टूबर 1942 को इलाहाबाद (प्रयागराज) में हुआ। उनके पिता डॉ. हरिवंश राय बच्चन एक मशहूर कवि थे और माँ तेजी बच्चन थिएटर आर्टिस्ट थीं।

बचपन से ही अमिताभ का झुकाव अभिनय की तरफ था, लेकिन उनके परिवार को यह पसंद नहीं था। वह चाहते थे कि अमिताभ सरकारी नौकरी करें।

फिर भी, अमिताभ ने अपने दिल की सुनी और मुंबई जाने का फैसला किया।

✅ उन्हें हर जगह से रिजेक्शन मिला – "तुम बहुत लंबे हो", "तुम्हारी आवाज भारी है", "तुम हीरो मटेरियल नहीं हो"

✅ रेडियो के ऑडिशन में भी उनकी आवाज को रिजेक्ट कर दिया गया।

✅ उनके पास पैसे नहीं थे, कई बार दोस्तों के घर और फुटपाथ पर रातें गुजारीं


"सपने तभी पूरे होते हैं, जब उन्हें टूटने से बचाने का साहस हो!"

2. पहला मौका और लगातार 12 असफलताएँ (1969-1973)

अमिताभ बच्चन को पहली फिल्म "सात हिंदुस्तानी" (1969) मिली, लेकिन यह फिल्म फ्लॉप हो गई।

इसके बाद जो हुआ, वह किसी के लिए भी निराशाजनक हो सकता था –

12 बार लगातार फ्लॉप

2️⃣ रेशमा और शेरा (1971) – फ्लॉप

3️⃣ परवाना (1971) – फ्लॉप

4️⃣ गुड्डी (1971) – फ्लॉप

5️⃣ बांबे टू गोवा (1972) – फ्लॉप

6️⃣ एक नजर (1972) – फ्लॉप

7️⃣ बंसी और बिरजू (1972) – फ्लॉप

8️⃣ संजोग (1972) – फ्लॉप

9️⃣ प्यार की कहानी (1971) – फ्लॉप

🔟 झुंझार (1973) – फ्लॉप

1️⃣1️⃣ रास्ते का पत्थर (1972) – फ्लॉप

1️⃣2️⃣ बंधन (1973) – फ्लॉप


सोचिए, अगर कोई इंसान लगातार 12 बार असफल होता है, तो वह कैसा महसूस करेगा? लेकिन अमिताभ ने हार नहीं मानी

"हार वही मानता है, जो कोशिश करना छोड़ देता है!"


3. 'जंजीर' से बदल गई तकदीर (1973)


जब फिल्म "जंजीर" बनाने की बारी आई, तो राज कुमार, धर्मेंद्र और देव आनंद ने इस फिल्म को ठुकरा दिया। यह मौका अमिताभ बच्चन को मिला।


✅ फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई।

✅ अमिताभ बच्चन को "एंग्री यंग मैन" का टाइटल मिला।

✅ बॉलीवुड को एक नया सुपरस्टार मिल चुका था।

"जो तुम्हें कमजोर समझते हैं, एक दिन उन्हें अपनी ताकत दिखाओ!"

4. सुपरस्टार बनने के बाद भी संघर्ष (1975-1990)


1975 में 'शोले', 'दीवार', 'अमर अकबर एंथनी', 'मुकद्दर का सिकंदर' जैसी हिट फिल्मों ने उन्हें सबसे बड़ा सुपरस्टार बना दिया।

लेकिन 1982 में कुली फिल्म की शूटिंग के दौरान एक बड़ा हादसा हुआ।

अमिताभ को इतनी गंभीर चोट लगी कि वह मौत के करीब पहुंच गए।

✅ पूरे देश ने उनके लिए दुआ की।

✅ कई महीनों तक अस्पताल में भर्ती रहे, लेकिन फिर से खड़े हुए।


लेकिन 1990 के दशक में उनका करियर गिरने लगा।

❌ ABCL कंपनी खोली, लेकिन यह दिवालिया हो गई।

❌ उन पर करोड़ों रुपये का कर्ज हो गया।

❌ लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि "अमिताभ बच्चन का दौर खत्म हो गया है।"

"सच्चा योद्धा वह होता है, जो गिरकर 

फिर खड़ा हो जाए!"

5. KBC और दूसरी पारी की शुरुआत (2000-2024)


जब सब कुछ खत्म हो रहा था, तब उन्होंने टीवी पर "कौन बनेगा करोड़पति" (KBC) करने का फैसला किया।


✅ KBC सुपरहिट हुआ और अमिताभ फिर से चर्चा में आ गए।

✅ "मोहब्बतें", "बागबान", "ब्लैक", "पा" जैसी हिट फिल्में दीं।

✅ आज भी वह बॉलीवुड के सबसे सफल अभिनेता हैं।


"सफलता की सबसे बड़ी पहचान यह है कि आप असफलताओं से कितना सीखते हैं।"

6. अमिताभ बच्चन से हमें क्या सीखना चाहिए?



✔ असफलता से मत डरो, यह सफलता का पहला कदम है।

✔ कोई भी सपना बड़ा नहीं होता, बस उसे पाने की मेहनत बड़ी होनी चाहिए।

✔ मुश्किलें सिर्फ उन्हें मिलती हैं, जो वाकई कुछ करने की हिम्मत रखते हैं।

✔ अगर तुम गिरोगे नहीं, तो उठना कैसे सीखोगे?

निष्कर्ष: संघर्ष से सफलता तक


अमिताभ बच्चन की कहानी सिर्फ एक अभिनेता की नहीं, बल्कि संघर्ष, मेहनत और धैर्य की कहानी है। वह कई बार गिरे, लेकिन हर बार उठकर और भी मजबूत बन गए।


"जो मेहनत करेगा, वही इतिहास लिखेगा!"


अगर यह कहानी आपको प्रेरित करती है, तो इसे शेयर करें और कभी भी अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश करना मत छोड़ें!


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